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अन्ना जी राजनीति में आपका स्वागत है,किन्तु……

Aakhir Kab Tak ...!
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विनय न मानति जलधि जड़,गये तीन दिन बीति। लक्षमण बाण सराहिये,भय बिनु होय ना प्रीति।।
      यहां तो 9 दिन बीत गये। अन्ना एवं अन्ना टीम के अनशन के साथ भारी जन समुदाय के
शान्तिपूर्ण आन्दोलन के प्रति सरकार निर्लज्ज बनी रही। जितने दिन जंतर मंतर पर अनशन की
अनुमति थी ये आन्दोलन कम से कम उतने दिन चलता ,उसके बाद चुनाव में उतरने का निर्णय
लिया गया होता तो यह निर्णय और प्रभावशाली होता।
       जो भी हो, अन्ना जी चुनावी समर में आपका स्वागत है। जो जनता दिल्ली नहीं पहुँच सकती
या दिल्ली में रह कर भी अपनी रोजी रोटी छोड़ कर जंतर मंतर में समय नहीं दे सकती वो आपको
वोट आसानी से दे सकती है। यदि आप सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार कर देश के सभी गाँवों में
कम से कम एक बार भी प्रभात फेरी निकलवाने में सफल हो गये तो सत्ता जनता के हाथ में होगी।
आपका स्वागत तो है किन्तु आपको सावधान भी करना है क्योंकि ये एक नयी महाभारत होगी।
इस बार कौरवों के साथ कोई भीष्म और द्रोणाचार्य नहीं हैं, धृटराष्ट्र के साथ दुर्योधन और
शकुनियों की ही सेना है।
          सावधान, पुनः युधिष्ठिर को उस चौरस के खेल में खींच लिया गया है जिसमें वो पारंगत नहीं लगते।
किन्तु यदि इस बार युधिष्ठिर हारा तो चीर हरण जनता का होगा । धनबल,जातिवाद,क्षेत्रवाद,साम्प्रदायिकता,
तुष्टिकरण,चरित्रहरण,अफवाहबाजी के चक्रव्यूह के सातों द्वारों को तोड़ने के लिये कई अभिमन्यु के साथ कई
अर्जुन एवं भीम की आवश्कता होगी।
        सम्भव तो नहीं लगता किन्तु एक विचार है कि जैसे उस महाभारत से पूर्व कुछ नियम बनाये गये थे उसी
तरह कम से कम एक ऐसा नियम बनाया जाये कि जब तक किसी सीट से किसी उम्मीदवार को कुल डाले गये
वोट का 50% वोट नहीं मिल जाता तब तक तीसरे स्थान से कम वोट पाने वालों को बाहर करते हुये
पुनर्मतदान कराया जाये।आखिर 50% वोट से कम पाने वाले को जनप्रतिनिधि मानना कहां तक उचित है।
       सावधान…देश पर आज तक राज करने का कारोबार करने वाली प्रा.लि. कम्पनियां अपने गुड्डे,गुड़ियों,
भेंड़,बकरियों,भेड़ियों का एडवरटाइजमेंट डर के आगे जीत है के अन्दाज में करेंगी हांलाकि अब जनता
सब जानती है। इन सिद्दान्तहीन भ्रष्ट नेताओं के शब्दजाल से बचना होगा।मनोबल गिराने के लिये कुछ
भी बोल सकते हैं, उनके हर भौंकने का उत्तर देने की गलती से बचना होगा। अपने किसी एजेन्ट को
स्वामी अग्निवेश की तरह आपकी टीम में घुसा कर नुकशान करने की कोशिश कर सकते हैं.
आपकी टीम में अति योग्य लोगों की कमी नहीं है। आप लोगों ने इन सभी बातों पर विचार भी
कर लिया होगा…. जानता हूँ मगर फिर भी……….

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